-- 【 the story of every living dead stone. 】 --

-- 【 the story of every living dead stone. 】 --

At that stage when my colleagues and my cousins ​​try to strengthen the leg.
  I was at the door of death.
  With some 'paid' doctors and nurses.
  I did not even understand that they were standing to take me? Or are you leaving?
  Well,
I am among those lucky people who can look back and see.
  Obviously, today I am nothing.
It is also true, nobody is anything for me too.
My mother tells us to fear the people, this world, relatives.
  I say, I am not afraid of death, so what a fear of someone else!
  I am ready for sewage, my body is ready for dog food, I am ready.
  When I do not need four shoulders, what else can I fear?
  she becomes sad, but this is not my intention.
  After breakdown from all sides.
  after breakdown through every hand.
  The heart gradually turns into stone.
  This is the story of every living dead stone.

J❤️

-- 【 छोटी सी कविता 】 --

-- 【 छोटी सी कविता 】 --

रात छोटी है,
सपनें बड़ें हैं।
दिन कम है।
और,
रात लम्बी नही हो सकती,
सपने छोड़ें नही जा सकतें,
दिन बढ़ नही सकता।
सब विपरीत है।
तो फिर,
गणित की गोद में क्या बैठना!

J❤️

-- 【 अच्छा हुआ तुम मर गए। 】 --

-- 【 अच्छा हुआ तुम मर गए। 】 --

बच्चों के मृत्यु पर, कुछ अच्छे लोग कह रहें बुरा हुआ।
वो अच्छे लोग जो अपनी जिंदगी जीने के लिए
दिन रात कोसतें काँग्रेस को, कम्बख़्त कुछ कर क्यों नही रही!
लोकतंत्र के महाराजधिराज को उन्माद फैलाने से रोक क्यों नही रही!
हुआ क्या इसे! बुझदिल बेकार विपक्ष।
महाराजधिराज के मंत्री अंधों को दिखा रहें देखो देश मंगल का,
देखो होते मंगल अभियान को।
उलट, सजक बुद्दिजीवी क्रांतकारी अग्रज कदम कदम पर राह बनाने वाले
कहतें हैं भारत तो बसता है चाँद पर!
बताओ! बताओ! चारो तरफ जन - जन को
हाहाकर मचा है चांद देश में, चांद के काले भाग में।
उस हिस्से में..
जिधर ये नही जातें, इनके बच्चे नही जातें, न।
जाती है सिर्फ इनकी बहरी बोलती कलम।
यह वाद, वह प्रतिवाद, ये विद्वान, वो चौहान।
जो बचा न सकें अपना अंगूठा, वो बन रहे प्राण दानवीर कर्ण!
हे, बचे हुए मूर्ख निरीह मानवीय पशु
अरे पागलों तुम खुश हो, नाचो, झूमो, रंगों की होली खेलो।
मरने के लिए जो पैदा हुए थें,
सिर्फ मरने के लिए 40 50 60 साल तक मरतें, वह मर गएं।
वह मर गएं जिनके कंधे पर उस बाप का बोझ होता जो उन्हें जानवर बनाता
उस मां का बोझ होता जो कही तो जाती भारत माता लेकिन खाने को अन्न न देती
उस परिवार का बोझ जो स्वाभिमान से अपंग होता
और, फिर पूरी लाचारी में घोर दुत्कार से गालियों के बीच प्राण जाती!
अच्छा है तुम मर गए, रोने वाला तो मिला!
वरना हमारे सम्मानीय, तुम्हारे सम्मान के लिए
ac रूम से युधिष्ठिर बन दुर्योध्न से भिड़े पड़ें हैं न जाने उन्हें फुर्सत मिलती न मिलती!
अच्छा हुआ तुम मर गए।

J❤️

--

वहम है वहम की मेरे अंदर चाहतें घर कर रहीं।।
अरे पूछो जहां से भला खिलौने का शौख क्या!?

तुमसे मुस्कुराया उसपे लतीफ़े पढ़ें खुद पे हंसा।।
लम्हा धूप का, निकाला थोड़ा थोड़ा और क्या!?

मेरी जो चाहतें हैं, ख़बर है, है, नाकाबिले बर्दाश्त।।
निबाह इश्क़ तड़पें ही ना फेर इश्क़ -ए- दौर क्या!?

यह मेरा माफ़ीनामा है, प्यार की अर्जी नही अब।।
रूह घायल पड़ी काबा में, जिसम का जोर क्या!?

तुम कोसती क्यू हो मुझको! मुझे नही है झगड़ना।।
फ़ना हूं, मेरी ख़ामोशी पर ख़ामख़ा का शोर क्या!?

J♥️

यारजां

कहता ही रहा हूं 'न' और मान भी लेते हो!
कभी-कभार यारजां जोर कु नही करते हो!
एक बात पुछु? गर करो वादा बतलाने का
यारजां तुम कभी झगड़ा कु नही करते हो?

J❤️
(((यारजां एक नया शब्द है मेरे लिए.. नजर बख्शें..)))

-- wicked world--

-- wicked world --


in this wicked world. 

The world says, 'peace is the beauty' and 'Beauty is the white'.

The oppressors have given it the 'idea of ​​the white'.

All the deities will be his, because he takes possession of the source of energy.

Put religion above religion in the name of better life.

In this way their gods and goddesses became great.

Hey! Hear,

You are 'good' and this is 'best'.

Your 'great men and women' are 'great' because they were also good.

You peoples are wonderful, sensitive, humanitarian.

In future history, whenever pages will be written by you peoples.

The world will know the definition of 'white'.


J❤️

-- 【पिंकू, अविरल और उनका प्यार】 -- 6

((थोड़ी सी और कोशिश तुम्हें भूलने की...
     जब रूह आपस मे मिल चुके हो तो जिस्म का अस्तित्व सिर्फ इतना रह जाता है कि वह रूह को थामें रखें।
     जब आसमान की मोतियां मेरे आँखों के मोतियों से आ कर मिलतीं हैं तो बरबश ही एक मिट्ठी गाली निकल आती है 'कमबख़्त बेवफ़ा'
    इश्क़ दुनिया का वह खूबसूरत जंग है जो आदमी लड़ता ही इसलिए है ताकि हार सके।))

-- 【पिंकू, अविरल और उनका प्यार】 -- 6

तुम्हारें प्यार में मैंने सीखा है झूठ बोलना छोटे मोटे षड्यंत्र करना ड्रामे करना बहाने करना कुल मिला कर कहूं तो 'स्वाभविक होना'।
पिंकू :: अच्छा तो तुम अभी स्वभाविक* हो

अविरल :: तो!?

पिंकू :: अरे बुद्धू.. क्या तुम्हें सच में इश्क़ करने नही आता या शख़्त बनने का भूत सवार है?

अविरल :: मतलब

पिंकू :: उफ़्फ़.. मेरी जान.. मेहबूब के पल्लू में सर रख दुनिया दारी की बातें करने वाले आप पहले आशिक़ होंगें। (हंसते हुए)

     मैं सोचती हूँ आप कभी कभी कितना उदास क्यों हो जातें हैं! सोचती हूँ मैं न रहूं तो आपको टोक टोक के कौन रोका करेगा? कैसे आप इस दुनिया को अपने आईने में रखने के बजाए खुद को रखिएगा! डर लगता है।

अविरल :: आप जब तक हैं मुझे कोई भी उदासी मिटा नही सकती और आपके बाद उदास होने के लिए कुछ बचेगा नही। आप बेवजह डरतीं हैं।
       आपके सीने में यह जो दिल धड़कता है न असल में कह रहा होता हैं.. यह इश्क़ करने के लिए है। आपके यह नाजुक से होंठ आईसक्रीम के गोले से कंप जाया करने के लिए हैं डर जैसे शब्द बोलने के लिए नही और..

पिंकू :: हां जी तो अब आया इश्क़ निखर के..
(अविरल सिर्फ मुस्कुरा के रह जाता है।)

पिंकू :: एक वादा क्यों नही करते क्यों नही कह देते की अब तुम उदासियों के उस जंगल मे कभी नही जाओगे जो तुम्हारे लिए बनी ही नही! कितना खूबसूरत लगता है तुम्हारा यह चेहरा जब तुम किसी भी बात को तोड़ मरोड़ कर उस पर हंस बैठते हो☺️ क्या सारी दुनिया का ठेका तुम ही ले रखे हो? मैं यह नही कहती तुम बात न करो लेकिन खुश भी तो रहा करो जैसे मेरे साथ रहने लगे हो वादा करो न मेरे बाद भी तुम्हारी आँखे युही निश्चल रहेंगी खिलखिलायेंगी चहकेंगी वादा करो न!

अविरल :: तुम्हारे बाद.. मेरे बाद.. क्या लगा रखी हो आज कल.. देखो हम कहीं नही जा रहें.. न एक दूसरे को जाने दे रहें और हां तुम्हारे बाद मेरे बाद के वादा का कोई अस्तित्व ही नही है हम हैं साथ और हैं।

पिंकू :: ह्म्म्म...

अविरल :: क्या हुआ

पिंकू :: नही... बस तुम उदास न रहने का वादा नही कर सकते तो गुस्सा रहने का ही वादा कर लो यह चढ़ी हुई नाक अच्छी लगती है तुम पर.. (हहह)

अविरल :: हहहहहह अब वापिस मत शुरू हो जाना।

J❤️
((सोचता हूं अपने बदनशीबी पर हंसी आती है
एक नाराज ही होना था वह भी न हो सका।।))

ख़त 16

-- 【ख़त 16】 --

कल तुम्हारी तस्वीर देखी
दुल्हन के जोड़े में
बहोत सारे गहनों से लदी
मंद मंद मुस्कुराहटों के बीच अपनी उत्सुक्ता को छिपाते
शर्मा रही थी तुम
बहोत खूबसूरत लग रही थी।
मगर मैं गुस्से में था
लेकिन किसपर नाराज होता!
तुम्हारे बाद 'मैं' भी लापता हूँ।
आज यह पहली दफा है
जब मैं तुमसे ज्यादा किसी और को देख रहा हूँ
जब मैं तुमसे ज्यादा किसी और को सोच रहा हूँ
'तुम्हारे साथ वाले को'
घण्टों घण्टों से देख रहा
कभी उसके चेहरें को कोसता हूं
कभी उसकी किस्मत को दुआओं से भर देता हूँ
दिमाग सन्न है या मुझे कुछ और हुआ है?
तुम अच्छी भी लग रही हो और मुझे कुछ भी अच्छा नही लग रहा
बदसूरत चाँद
बेसुरे पंक्षी
बेअसर सिगरेट
क्या यह सब भी रख ले जाओगी अपने संग
जैसे तुम मुझे मुझमें से ले कर चली गई!
फिर किसे सुनते हुए, किसे देखते हुए, किसे होंठो से लगाएं अपनी उंगलियों में फँसाये कैसे तुम्हें लिख पाऊंगा!
यह सब न होंगे तो कौन मुझे रुलाएंगे!
अब डर लगता है कभी कभी
कहीं तुम्हें भूल तो नही रहा न!
कहीं तुम्हें भूल तो न जाऊँगा न!
जैसा तुमने कहा था
'एकदिन सब ठीक हो जाएगा
एकदिन तुम नई शुरुवात करोगे
एकदिन जब हम मिलेंगे हम दोस्त होंगे
एकदिन, एकदिन तुम मुझे भुला दोगे'
डर लगता है.. डर लग रहा है..
याद आते रहना.. कभी तो हाल पूछ जाना..
मैं लिखता रहूंगा युही
'तुम्हें'
तुम तक न पहुँचने वाले खतों को।।

J❤️

जवाब चाहिए।

-- 【 जवाब चाहिए। 】--

भीड़ में बैठे हर शख्स को जवाब चाहिए
यह पूछे बगैर की क्यों?
तुम्हारी काबलियत क्या है? तुम्हारी हैसियत क्या है?
तुम क्या हो? क्यों हो? कैसे हो?
फिर हिंदी वाले को तमिल में जवाब मिले
अंग्रेजी वाले को पंजाबी में
तमिल वाले को भोजपुरी में
जानवर के रूप में या भगवान के रूप में
उसे समझ आए या न आए
मगर वह खुश है जवाब मिला।
उसके हक़ में या उसके खिलाफ क्या फर्क पड़ता है कौन सा समझ आ रहा है!
लेकिन इन सब से इतर
गिर चुकी, बनी हुई, बनने वाली सरकारों को चाहिए होता है मत। विशुद्ध रूप से मत।
जहां से जिस भी भाषा में मिले।
वो जवाब देने को तैयार है
वो तैयार हैं राजस्थान में हरित क्रांति के ख्वाब दिखाने को
बिहार में वस्तुकला स्थापित करने को जहां की मिट्टी 50 साल भी किसी दिवार को खड़ा नही रख सकती।
कन्याकुमारी में बर्फ़बारी के ख्वाब देखते लोगो का सवाल है किस प्रकार!
तो सरकार भोजपुरी में कहती है "एहिंगन एहिंगन"।।

राजवंशी जे. ए. अम्बेडकर❤️

लाश पर जन्मी मुहब्बत का सच

((जब मौत असहाय हो जाती है तब मन मर जाता है। जब मन मर जाता है तो दिल मुहब्बत कर लेता है और जब दिल मर जाता है तो आदमी के ज़िन्दगी और जिंदगी से वास्ता खत्म हो जाता है।
     यह सब कुछ धीरे-धीरे, एक एक कर के होता है जैसे कोई दुश्मन हौले हौले से गले पर छुरा चला रहा हो कभी बाएं कभी दाएं के धारों को मिलते हुए।
    हमें मालूम तो होता है कि छुरा गले को रेत रहा है लेकिन दर्द नही होता, दर्द नही होता तो आँसू भी नही आतें।))

-- 【 लाश पर जन्मी मुहब्बत का सच 】 --

बूढ़े जबड़ों का फिर भी इलाज है
न भी हो तो ख्वाहिशे अपने लिए बचती भी कहां हैं!
जवान दाँतो के फांक से
बार बार शब्द आयाम लेने के पहले ही निकल जाएं
तो डर लगता है
और चिल्लाने को जी करता है
देह के अंदर मची शोर आदमी के मन को मारने लगती है
फिर लाशों के ढेर में जन्म लेती हैं 'मुहब्बत'
अनन्त के अंधकार में एक रत्ती जितना सफेद पत्थर भी रख दो
तो ऐसा लगता है हीरे की खान हो
लेकिन कब तक! कितनी दूर तक!! कहां तक!!!
अब तो अनन्त का भी अंत है।
'सच' की खोज में,
हमने उन सभी चीजों का भी खोज कर लिया जिसकी जरूरत न तो हमें थी न ही सच को
दो डब्बे के खानों में सच और झूठ को रखने के बाद हमनें पाया
सच का डब्बा सिर्फ प्रकाश से भरा था वो भी किसी दूसरे के उधारी पर!
प्रत्यक्ष देख शून्यता का चुनाव बेहद मुश्किल है
यह जानते हुए भी की सच झूठ दोनों ही शून्य है।
जब हम,
सच शून्यता, शून्यता सच, सच शून्यता, शून्यता सच, सच शून्यता में
उलझे हुए होतें हैं
झूठ, अपना जीवन बचाए हमराहों संग आगे निकल चुका होता है
और सच!
था ही क्या!
एक बार फिर से प्रश्न ज्यो का त्यों उधारी खत्म होतें ही विलीन रहता है।
उसी वातावरण में जहां था, उसी वातावरण में था जहां है।
सिर्फ पूछने वाला लापता रहता है या बदलते रहता है।

J ❤️

लम्बे अर्शे के बाद......

लम्बे अर्शे के बाद......

ज़ुरूरत से नहीं, न, जुर्रत से होती है
यह मुहब्बत, तो बस ऐसे ही होती है

मुल्तवी होतीं हीं हैं तमाम सारी तारीख़े
मुलाकातें यहां इत्तेफ़ाक से ही होती है

रिश्तों के दफ़्तरखाने के लिए हैं पैमाने
बगावत तो सर -ए- बाजार ही होती है

मायने हैं चेहरों के लेकिन उतना भी नही
चांद सितारों में भला बनियागिरी होती हैं!

की लाओ दिल, की अपनी जान लिख दूँ
यहां जिस्म की बिसात ऐसी ही होती है

जहां को लगे जो झूठ वही तो है हक़ीक़त!
हौले हौले नही, हौले से इश्क़ जवान होती है।

J❤️

-- 【 the story of every living dead stone. 】 --

-- 【 the story of every living dead stone. 】 -- At that stage when my colleagues and my cousins ​​try to strengthen the leg.   I was at th...